– प्राकृतिक खेती विषय पर कार्यशाला का आयोजन
फतेहपुर। विकास भवन सभागार में गंगा समिति के तत्वाधान में एक दिवसीय प्राकृतिक खेती विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) डॉ अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता है, बल्कि जल संरक्षण भी किया जा सकता है। कार्यक्रम में तकनीकी सत्र में नीरज पाण्डेय ने प्राकृतिक खेती के महत्व और गंगा की धारा को अविरल बनाए रखने के लिए सुझाव दिए। डॉ जगदीश किशोर ने कहा कि जब तक कृषक खेती की प्रकृति और प्रवृत्ति नहीं बदलेंगे, हम प्राकृतिक उत्पादों की बात नहीं कर पाएंगे। डॉ चंचल सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती से खेती के स्वास्थ्य और मनुष्य के स्वास्थ्य में भी अमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकता है। कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक रमाकान्त त्रिपाठी ने अपने प्रक्षेत्र पर प्राकृतिक रूप से की जा रही खेती के बारे में बताया और कृषकों को अपने प्रक्षेत्र पर भ्रमण के लिए आमंत्रित किया। वीरेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि उनके द्वारा 6 एकड़ कृषि फार्म पर एकीकृत खेती के माध्यम से प्राकृतिक खेती का संचालन किया जा रहा है, जिसमें फसल लागत में कमी लाने के साथ ही उपभोक्ता को कम दामों पर प्राकृतिक उत्पादों का लाभ मिल सकता है। इस अवसर पर रामानुज त्रिपाठी, डी०एफ०ओ०, डा० श्याम सिंह, डा० चंचल सिंह वैज्ञानिक बाँदा कृषि विश्वविद्यालय, डा० जगदीश किशोर वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र थरियॉव, रमाकान्त त्रिपाठी और वीरेन्द्र कुमार यादव मास्टर ट्रेनर प्राकृतिक खेती उपस्थित रहे।















