-अभी भी दोनों पक्ष अपने अपने दावे पर अडिग, सोशल मीडिया में बयानों का दौर जारी
. फतेहपुर । प्रशासन ने विवादित स्थल इलाके में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं। स्थानीय और बाहरी लोगों के अलावा बुधवार को प्रशासन ने मीडिया पर भी रोक लगा दी। विवादित स्थल से जाने वाले सभी रास्तों पर मीडियाकर्मियों को भी बैन कर दिया गया। यहां तक कि स्थानीय महिलाओं को जानवरों के लिए चारा काटने पर भी पाबंदी लगा दी गई। इलाके की ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है। सदर कोतवाली क्षेत्र के आबूनगर इलाके में स्थित विवादित स्थल पर अभी भी दोनों पक्ष अपनी बातों पर अडिग हैं । जहां मुस्लिम पक्ष मकबरा बता रहा है। वहीं हिंदू पक्ष मंदिर होने का दावा कर रहा है । इसी बीच आबूनगर के रहने वाले सतीश रस्तोगी ने भी सन 1928 के एसडीएम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर विवादित स्थल को मंदिर होने का दावा किया हैं । उन्होंने सपा सरकार में मंदिर को मकबरा बनाने की बात कही है। सोमवार को हिंदू संगठनों द्वारा की गई तोड़फोड़ के बाद पूरे इलाके में पुलिस फोर्स गश्त करती रही। मकबरे की तोड़ी गई मजारों की आनन-फानन मरम्मत कराई गई। पुलिस व प्रशासन का सख्त पहरा रहा। लखनऊ से एसटीएफ सीओ अपनी कमांडो टीम के साथ सोमवार रात को ही मौके पर पहुंच गए थे। उन्होंने भी हालातों का जायजा लिया। मौके पर हमीरपुर, बांदा, कौशांबी समेत अन्य जिलों की फोर्स तैनात है। मकबरे की सुरक्षा के लिए दो स्तरीय बैरिकेडिंग कर दी गई है। प्रशासन अब किसी को भी विवादित स्थल की ओर जाने नहीं दे रहा है । लोगों को 500 मीटर दूर से ही वापस किया जा रहा है । जिससे वहां के रहने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेसियों के प्रदर्शन के ऐलान को लेकर प्रशासन ने बुधवार को कांग्रेस के नेताओं को भी गिरफ्तार किया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष महेश द्विवेदी को घर पर पुलिस ने नजर बंद किया। वहीं शहर अध्यक्ष आरिफ गुड्डा समेत कई कांग्रेसियों को कोतवाली पुलिस ने हिरासत में लेकर कोतवाली में बैठा रखा।















