फतेहपुर। शांति नगर स्थित बांके बिहारी मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस में कथावाचक अवनीश कृष्ण त्रिवेदी ने कथा सुनाते हुए कहा की जीव तभी तक बंधन में है जब तक उसको आत्म स्वरूप का बोध नहीं हो जाता इस दौरान जीव जगत माया के बारे में वृहद रूप से वर्णन किया। साथ ही परीक्षित जन्म की कथा को बड़े भावपूर्वक सभी भक्तगणों को श्रवण कराया। इस अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन कर रहे कुलदीप रस्तोगी उर्फ पप्पन रस्तोगी ने कथा व्यास का माला पहनाकर, आरती उतार कर आशीर्वाद लिया और बताया कि लगातार यह कथा बांके बिहारी मंदिर में चल रही है। जिसमें अंतिम दिन यानी 4 सितंबर को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। जिसमें लोगों का आवाहन किया कि ज्यादा से ज्यादा लोग बांके बिहारी मंदिर पहुंचकर कथा का श्रवण करें। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तगणों ने कथा का रसपान किया। इस अवसर पर पुष्पा रस्तोगी, राम नरायण रस्तोगी, रवी नरायण, श्याम नरायण, मंजू रस्तोगी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।















