फतेहपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में बिजली कर्मियों ने एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की। इस हड़ताल में बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता शामिल हुए। जिन्होंने अपने कार्यालय और कार्य स्थल छोड़कर निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया। आर.ए. कुशवाहा ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकारों की बिजली के निजीकरण की जन विरोधी नीतियों के विरोध में देश के सभी प्रांतों के लगभग 27 लाख बिजली कर्मियों ने एक दिन की सांकेतिक हड़ताल कर अपनी एकजुटता का परिचय दिया है। उपखंड अधिकारी प्रवीण शाक्य, महेश चंद्र, सुदामा प्रसाद, अवर अभियंता सुंदरम यादव, जितेंद्र पाल, प्रमोद मौर्य, कार्यकारी सहायक निशी वर्मा, चंचल होल्कर, सपना, रुद्र प्रताप सिंह, तकनीशियन अभिषेक तापिया, आदित्य सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर प्रदेश में दो विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण का निर्णय वापस न लिया गया और उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का उत्पीड़न करने की कोशिश की गई, तो देश के तमाम बिजली कर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे और देशव्यापी आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे। जनपद के सैकड़ों बिजली कर्मी व अधिकारियों ने अपने कार्यालय/कार्य स्थल को छोड़कर बाहर आए और उन्होंने पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण का निर्णय तत्काल निरस्त करने की मांग की। इस मौके पर सुदामा प्रसाद, राम आशीष कुशवाहा, महेश चंद्र, जितेंद्र कुमार मौर्या, चंद्रेश रायज्यादा, सुरेश मौर्य, धीरेन्द्र सिंह, जितेंद्र मौर्य, अमजद अली, आदित्य त्रिपाठी, श्रवण सिंह, पुष्पेंद्र गौंड, जितेंद्र कुमार मौजूद रहे।