हमीरपुर -सरीला क्षेत्र में शराब, गाजा की अवैध बिक्री, ओवररेटिंग और खुलेआम नियम उल्लंघन का खेल बेखौफ जारी है। सरकार के कड़े आदेशों और कानून की सख्ती के दावों के बावजूद, यहां के नशा माफिया पूरी तरह बेलगाम हो चुके हैं। नियमों के मुताबिक आम दिनों में मदिरा के ठेके सुबह 10 बजे खुलने चाहिए लेकिन कई दुकानों पर सुबह से ही लुकाछिपी कर मादक पदार्थों की बिक्री का खेल शुरू हो जाता है और स्वतंत्रता दिवस पर सभी शराब की दुकाने बंद होने के बावजूद कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में कई देशी व अंग्रेजी शराब की दुकानें तड़के सुबह से ही दुकान के इधर उधर लड़के लगवाकर ग्राहकों को स्वतंत्रता दिवस को भी बोतलें थमाती रही। लगातार ग्रामीणों द्वारा मिल रही शिकायतों पर जब हमारी टीम कवरेज करने के लिए गांव-गांव जा रही थी तभी सूत्रों द्वारा पता चला कि पंद्रह अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व पर भी जरिया थाना क्षेत्र के चंडौत गांव में ठेका के पास कुछ दुकानदार अपनी दुकान से शराब बेचते और अवैध रूप से गाजा बेचते नजर आए है। वहां लगी भीड़ को देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि नशा माफिया क्षेत्र में कितने बेलगाम हो चुके हैं सूत्रों द्वारा इस भंडाफोड़ को उजागर करने के लिए बनाए गए वीडियो से यह स्पष्ट हो गया की इन माफियाऔ को ना प्रशासन का डर है ना नियमों की परवाह यह नजारा कानून और नियमों की धज्जियां उड़ाने का जीवंत उदाहरण है।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह सब आबकारी विभाग की खुली मिलीभगत से हो रहा है। यही नहीं, प्रतिबंधित दिनों में भी शराब और गाजा जैसे नशे के सौदागर इसी गांव के ही निवासी बताए जा रहे है ! वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आया प्रशासन सरीला क्षेत्र के चंडौत गांव में स्वतंत्रता दिवस के दिन हो रही अवैध रूप से शराब की बिक्री और गांजा जैसे प्रतिबंधित मादक पदार्थों की बिक्री का वीडियो वायरल होते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया और आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कुलदीप सिंह ने जल्द जांच कर कार्यवाही का आश्वासन दिया है सरकार के दावे खोखले साबित योगी सरकार द्वारा शराब बिक्री पर बनाए गए कड़े नियम सरीला क्षेत्र में बेमानी साबित हो रहे हैं। आबकारी विभाग और स्थानीय पुलिस ने इन्हें अपने हिसाब से तोड़-मरोड़कर लागू कर रखा है। नतीजतन, अवैध बिक्री, ओवररेटिंग और मिलीभगत का तंत्र पूरे क्षेत्र में फल-फूल रहा है, जबकि प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।
जवाबदेही पर सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर सरकार वास्तव में इस गोरखधंधे को रोकना चाहती है, तो क्षेत्र में तैनात आबकारी और पुलिस अधिकारियों पर सीधी कार्यवाही करनी होगी, वरना यह सिस्टम चंद पैसों की लालच में यूं ही बदनाम होता रहेगा।
स्थान- हमीरपुर
संवाददाता- अमित कुमार द्विवेदी
mo- 8052535554