हमीरपुर – गंतव्य संस्थान द्वारा आयोजित 25 वें राष्ट्रीय स्त्री शक्ति सम्मान से समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृट योगदान देने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में 30 अगस्त को सम्मानित होंगी
15 जुलाई 1995 में ग्राम जराखर में एक दलित और बेहद गरीब घर में जन्मी विमलेश कुमारी अहिरवार बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में होशियार रहीं हैं सन् 2011 में 10 पास होने पर सरकार द्वारा मेधावी छात्रों को मिलने वाली सुविधा साइकिल तथा 12वीं उत्तीर्ण पर 20 हजार रुपए मिले। घरवालों ने आगे की शिक्षा को समाप्त कराने का विचार बनाया और अपने साथ ईंट , भट्ठे, ब्रिक्स के कामों में ले जाने लगे लेकिन विमलेश कुमारी के इरादे शिक्षा ग्रहण करने के थे 12 वीं में सरकार द्वारा मिले पैसों से उरई के घनाराम महाविद्यालय से ग्रेजुएशन कंप्लीट की उसके बाद शादी होने के बाद शिक्षा शास्त्र से मास्टर डिग्री अर्जित की।
शादी के बाद पति के साथ नोएडा में एक प्राइवेट नौकरी की 2021 में नौकरी को छोड़कर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। हमीरपुर जिले की नौरंगा सीट से विजय प्राप्त की ।
उसके बाद पति के साथ मिलकर समाज सेवा के क्षेत्र में उन्होंने मुड़ कर नहीं देखा कभी असहाय की शादी अपने खर्चे से करा देती हैं तो कभी किसी को जीवन देने के लिए रक्त दान कर देते हैं। कभी बाढ़ पीड़ितों को खाना देने पहुंच जाते हैं तो किसी को वस्त्र,कंबल भेंट करती हैं, कभी-कभी गरीब बच्चों के एडमिशन एवं बुक दिलवाते हैं कभी गरीब कन्या की शादी करवाती है घनाराम महाविद्यालय उरई से आपकी शिक्षा दीक्षा हुई थी वहीं पर जिले की अर्थ से कमजोर बेटियों की पढ़ाई का जिम्मा उठाती हैं। 5 वर्षों में लगभग 400 सौ से अधिक बेटियों की सामूहिक विवाह में अनुदान दे चुके हैं।
आपकी घरेलू आय का पूर्ण खर्च समाजसेवा में चला जाता है खर्च और कमाई का आलम यह है कि आपके पास रहने के लिए खुद का मकान तक नहीं है।क्षेत्र में कहीं भी प्रोग्राम , समारोह होता है आपकी उपस्थित हर संभव दर्ज होती है। हमेशा वो गरीब लोगों की मदद करने में सबसे आगे खड़ी रहती है।कभी स्कूल, विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने निकल जाती हैं तो कहीं बच्चों की पढ़ाई सामग्री वितरण करने पहुंच जाती हैं।