-पुलिस ने पीड़ित के घर जाने पर रोका, पुलिस चौकी में हुई विफल वार्ता
प्रेमनगर, फतेहपुर। लोकजन सोशलिस्ट पार्टी (एल एस पी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर वीरेन्द्र विश्वकर्मा के जनपद बॉर्डर पहुंचने पर भारी पुलिस बल ने पीड़ित के घर जाने से रोकते हुए पुलिस चौकी में बैठकर वार्ता करने को कहा जिस पर नेता व पुलिस में काफी देर बहस छिड़ी रही जिसके बाद पुलिस द्वारा पुलिस चौकी में वार्ता कर डॉक्टर विश्वकर्मा की बात न मानते हुए स्थानीय पुलिस प्रशासन ने उन्हें वापस लौटाया। बताते चलें कि थाना सुल्तानपुर घोष क्षेत्र के पुलिस चौकी अफोई अंतर्गत बीते दिनों जमीनी विवाद के चलते यादव और विश्वकर्मा जाति के बीच खूनी संघर्ष हुआ था जिसमें पुलिस ने एक पक्ष की ओर से मुकदमा दर्ज करते हुए दूसरे पक्ष के लोगों को जेल भेजा था जिस पर दूसरे पक्ष का आरोप था कि पुलिस ने उनकी नहीं सुनी और न ही उनकी एफआईआर दर्ज की है हालांकि पुलिस ने नकारते हुए सही कार्यवाही करने की बात कही है। इसी प्रकरण के चलते बुधवार को लोकजन सोशलिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर वीरेन्द्र विश्वकर्मा जिला प्रशासन को पूर्व सूचना के आधार पर कौशाम्बी जनपद के अल्लीपुर जीता पुल पर पहुंचे जहां उनको रोकने के लिए उपजिलाधिकारी खागा अभिनीत कुमार, पुलिस क्षेत्राधिकारी खागा बृज मोहन राय के साथ ही स्थानीय पुलिस सुल्तानपुर घोष के साथ तथा हथगाम, थरियांव व अन्य थानों की पुलिस बल के साथ ही पीएसी बल भी मौजूद रहा है। एल एस पी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के उनके समर्थकों सहित पहुंचने पर पुलिस ने उनको घटना स्थल पर न जाने को कहा तो उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलने जाने की जिद ठानी इस बाबत अफोई चौराहे पर एल एस पी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रशासन से काफी लंबी बहस चली जिस पर पुलिस ने साफ कहा कि डॉक्टर विश्वकर्मा को घटना वाले गांव नहीं दिया जाएगा अन्यथा वहां और विवाद बढ़ सकता है जबकि बनारस से चलकर आए एल एस पी नेता ने जिद ठानी कि हमें विश्वकर्मा परिवार के पीड़ितों से मिलना है आगे कहा कि यदि पुलिस को दिक्कत हो तो हम चार लोगों को ही ले चले लेकिन पुलिस ने एक न सुनी, इस दौरान एल एस पी नेता संविधान और कानून का हवाला देते रहे पर पुलिस प्रशासन ने एक न सुनी और उनको व उनके समर्थकों को पुलिस चौकी अफोई लेकर गई। इसके बाद पुलिस द्वारा विश्वकर्मा एवं यादव दोनों पीड़ित पक्ष को सामने लाई जहां यादव पक्ष से बताया गया कि उनके बेटे को इस कदर मारा गया कि आज भी उनका लड़का जिंदगी और मौत की लड़ाई अस्पताल में लड़ रहा है तो विश्वकर्मा बिरादरी के लोगों ने बताया कि पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और एकतरफा मुकदमा लिखकर जेल भेजा साथ ही बताया कि हमारे लोगों को भी गंभीर चोट आई हैं पर पुलिस ने कुछ नहीं देखा और चार लोगों को जेल भेजा तथा 4 अन्य लोगों को 2 दिन थाने में बैठाए रहे। एलएसपी नेता ने पुलिस से विश्वकर्मा बिरादरी के लोगों को भी पीड़ित बताते हुए उनकी भी एफआईआर दर्ज करने की बात कही तो उपस्थित पुलिस अधिकारी ने उनके विपक्षी पीड़ित पक्ष का कोमा में होने का हवाला देते हुए मुकदमा लिखने से साफ मना कर दिया। मीडिया से मुखातिब होते हुए एल एस पी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर वीरेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि रामपुर अफोई गांव निवासी प्रदीप विश्वकर्मा को उनके दल के फतेहपुर जिलाध्यक्ष हैं और उनके घर में हुई घटित घटना और उनके साथ पुलिस द्वारा किए गए अन्याय की वास्तविकता जानने हेतु आया था लेकिन पुलिस ने पीड़ित के घर ये कहकर नहीं जाने दिया कि आपके जाने से माहौल और बिगड़ जाएगा। ये निश्चित तौर से संविधान से मिला मूलभूत मौलिक अधिकार के विरुद्ध है और पुलिस द्वारा एक पक्षीय मुकदमा दर्ज किया जाना ये भी दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले में हम पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करेंगे और पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो न्यायालय की शरण में जाने के साथ ही बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। इस दौरान मुख्य रूप से प्रदीप विश्वकर्मा, लोकजन सोशलिस्ट पार्टी के फतेहपुर जिलाअध्यक्ष, नीरज विश्वकर्मा जिला अध्यक्ष कौशांबी, डॉक्टर नीरज कुमार विश्वकर्मा, जिला उपाध्यक्ष कौशांबी, कपिल सोनी युवा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष कौशांबी, रघु विश्वकर्मा कौशांबी मीडिया प्रभारी, उमेश विश्वकर्मा अधिवक्ता कौशांबी, राहुल विश्वकर्मा एडवोकेट कौशाम्बी, अमन, बृजेश, मोहित हरिओम, अनिल विश्वकर्मा सहित दर्जनों की तादाद में फतेहपुर व कौशाम्बी जनपद के पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे हैं।