फतेहपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों हाइडिल कॉलोनी में धरना दिया। इस दौरान जयसिंह कुशवाहा ने बताया कि यह चर्चा है कि निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने के बावजूद निदेशक वित्त निधि नारंग ने उसे क्लीन चिट दे दी है। उल्लेखनीय है कि इंजीनियर ऑफ कांट्रैक्ट ने झूठा शपथ पत्र देने के मामले में ग्रांट थॉर्टन का नियुक्ति आदेश रद्द करने की सिफारिश की थी। इसे न मान कर अब अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देकर निजीकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। संघर्ष समिति ने कहा कि इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रबंधन की निजी घरानों से मिली भगत है। इसीलिए तीसरी बार निधि नारंग को सेवा विस्तार दिया गया है। संघर्ष समिति के वक्ता प्रवीण शाक्य ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ों देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है जिससे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। इसके अतिरिक्त निजी घरानों से बहुत महंगी दरों पर बिजली खरीदने के कारण लगभग 10000 करोड रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त भार आ रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागो पर 14400 करोड रुपए का बिजली राजस्व का बकाया है। बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का कोई भी उत्पीड़न करने की कोशिश की गई तो देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शन नहीं रहेंगे और सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। विरोध सभा सुबह 10 बजे से सांय 5 बजे तक हुई जिसकी अध्यक्षता उपखंड अधिकारी प्रवीण शाक्य ने एवं संचालन लवकुश कुमार ने किया। सभा मे मुख्य रूप से अधिशाषी अभियंता रत्नेश जायसवाल, विजय कटारिया, उपखंड अधिकारी अभिनय श्रीवास्तव, जितेंद्र कुमार, अवर अभियंता गुलाब चंद्र, आदित्य त्रिपाठी, मो. नफीस, जितेंद्र मौर्य, कार्यकारी सहायक पूजा जैसल, चंचल होल्कर, एकता, प्रियंका पाल, रुद्र सिंह, शुभम, बबलू यादव, सानेन्द्र सिंह आदि लोग मौजूद रहे।